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कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसमें कई खेल शामिल होती हैं जैसे रग्बी, कुश्ती, रेसलिंग आदि खेलों का मिश्रण होता है। इस खेल में 2 टीम होती हैं और इन दोनों टीम के बीच कबड्डी का कड़ा मुकाबला होता है, इन दोनों की टक्कर को देखकर बहुत मजा आता है।
यह ऐसा खेल है जिसमें खेल के साथ-साथ कसरत भी हो जाती है और समय के साथ साथ इस खेल का स्तर भी काफी बढ़ गया है पहले यह गांव में फिर राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय लेवल पर खेला जाने लगा। इस खेल को बहुत बड़े पैमाने पर विस्तृत हो जाने के कारण बहुत से नौजवान इस खेल में दिलचस्पी ले रहे हैं और इसमें अपना कैरियर भी बना रहे हैं।
आजकल भले ही खेल जगत में क्रिकेट का राज हो लेकिन 2016 कबड्डी वर्ल्ड कप के बाद यह सब लोग जान गए हैं कि कबड्डी के चाहने वालों की कमी नहीं है। नये खेलों में आजकल कबड्डी सबसे तेजी से Grow करने वाला खेल बन चुका है।
About Kabaddi in Hindi (कबड्डी खेल की जानकारी)
खेल नाम | कबड्डी |
जन्मस्थली | भारत |
मैदान (Court) में एक पक्ष के खिलाड़ी | 7 |
खेल अवधि | पुरुषों का 40 मिनट और महिलाओं का 30 मिनट का होता है |
अन्य नाम | हु तू तू और चेडुगुडु |
महिला कबड्डी विश्वकप पहली बार | 2012 |
प्रथम अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन | 1936 (बर्लिन ओलिंपिक) |
मैदान का आकार | पुरुषों के लिए- 121/2 मी. X 10 मी. स्त्रियों के लिए- 11 मी. X 8 मी. |
लोकप्रिय प्रतियोगिता | प्रोकबड्डी |
वजन मापदंड | सीनियर पुरुषों के लिए 85kg सीनियर महिलाओं के लिए 75kg जूनियर पुरुषों के लिए 70kg जूनियर गर्ल्स के लिए 65kg |
भारत कबड्डी फेडरेशन स्थापना | 1950 में |
कबड्डी खेल का नियम (Rules) और इतिहास (History) | Information About Kabaddi in Hindi
कबड्डी खेल की उत्पत्ति प्राचीन भारत के तमिलनाडु में हुआ और आज के जमाने का खेल कबड्डी इसी का संशोधित रूप है। कबड्डी भारत का पारम्परिक खेल है और इसका जन्म भी हमारे ही देश भारत में हुआ था और चैंपियन भी आज तक भारत ही है। हालांकि यह ज्ञात नहीं है कि यह खेल कब शुरू हुआ था क्योकि यह खेल सदियो पुराना है और बहुत जगह इस खेल को खेला जाता था इसिलए शुरुवात का इसका कोई प्रमाणित समय नही है।
कबड्डी में शुरुवात से ही भारत को महारत हासिल है और इसी वजह से शायद भारत चैंपियन भी है। आज का हमारा यह पोस्ट कबड्डी प्रेमियो के लिए होगा जिसमें हम Kabaddi Rules in Hindi, Kabaddi History, Information About Kabaddi in Hindi, Essay on Kabaddi आदि के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
कबड्डी खेल का इतिहास (History of Kabaddi in Hindi)
इस खेल की उत्पत्ति भारत के तमिलनाडु में हुआ था। इस खेल को अलग अलग जगहों पर अलग अलग नाम से जाना जाता है जैसे हुतुतु और चेदुगुडु आदि। कबड्डी खेल को विश्व स्तर पर प्रसिद्धि तब हासिल हुई जब सन 1936 में बर्लिन में ओलिंपिक खेल हुआ था। 1938 में आकर इसे कोलकाता में राष्टीय खेलो में सम्मिलित किया गया।
उसके बाद 1950 में अखिल भारतीय कबड्डी फेडरेशन के गठन हुआ और कबड्डी खेल के नियम तय किये गये और इसी को Amateur Kabaddi Federation of India के नाम से सन 1972 में पुनर्गठन किया गया था। इसका पहला राष्टीय टूर्नामेंट चेन्नई में 1972 में ही खेला गया था।
कबड्डी को जापान में सबसे ज्यादा प्रसिद्धि मिली इस खेल को सुंदर राम नामक भारतीय ने सन 1979 में सबके सामने रखा था और सुंदर राम उस समय अमैच्योर कबड्डी के एशियाई फेडरेशन की तरफ से इस खेल को लेकर जापान गए थे।
वहां पर इन्होंने लोगों के साथ मिलकर 2 महीने तक कबड्डी खेल का प्रचार प्रसार किया था सन 1979 में इस खेल क्या भारत और बांग्लादेश के बीच मुकाबला रखा गया और इस खेल को भारत में ही खेला गया था और उसके बाद सन् 1980 में कबड्डी खेल के लिए एशिया चैंपियनशिप का आगाज किया गया था। जिसमें भारत ने बांग्लादेश को हराकर इस टूर्नामेंट को जीत लिया था और इस टूर्नामेंट में इन दो देशों के अलावा अन्य देश जैसे नेपाल, मलेशिया और जापान भी शामिल थे इस खेल को एशियाई खेल में सन 1990 में शामिल किया गया था और इस दौरान इस खेल को भी जिनमें कई अन्य देशों के बीच मुकाबले के साथ खेला गया था।
कबड्डी खेल का नियम (Rules of Kabaddi in Hindi)
कबड्डी खेल को विभिन्न तरह से खेले जाने की वजह से इसमें विभिन्न प्रकार के नियम होते हैं इसके मूल नियम नीचे निम्नलिखित हैं-
- यह एक Highly Contact Sport है जिसमे किसी खिलाड़ी का मुख्य काम विरोधी खिलाड़ियों के दल में जाकर उन्हें छू कर अपने दल में आना होता है और इस दौरान उनको विरोधी दल में जाते समय कबड्डी कबड्डी कहना पड़ता है।
- प्रत्येक मैच 40 मिनट का होता है और इस दौरान खिलाड़ी विरोधी टीम के Court में ‘रेड’ करता है और रेड करने वाले खिलाड़ी को ‘रेडर’ कहते है। किसी खिलाड़ी द्वारा उसके विरोधी दल में घुसते ही रेड शुरू हो जाती है।
- रेडर को संभालने वाले विरोधी दल के खिलाड़ी को डिफेंडर कहते हैं। डिफेंडर के पास रेडर को आउट करने के मौके अवस्थानुसार मिलते हैं। किसी भी रेड का अधिकतम समय 30 सेकंड होता है। रेड के दौरान रेडर को कबड्डी कबड्डी का रट लगाना होता है, जिसे चैंट कहा जाता है।
- रेडर द्वारा डिफेंडर के कोर्ट में एक बार प्रवेश कर जाने पर रेडर दो तरह से पॉइंट अर्जित कर सकता है। इसमें पहला बोनस पॉइंट और दूसरा टच पॉइंट होता है।
कबड्डी खेल पॉइंट्स (Points in Kabaddi)
- Bonus Point : डिफेंडर के कोर्ट में छः या छः से अधिक खिलाड़ियों की मौजूदगी में यदि रेडर बोनस लाइन तक पहुँच जाता है तो रेडर को बोनस पॉइंट मिलता है।
- Touch Point : रेडर द्वारा एक या एक से अधिक डिफेंडर खिलाड़ियों को छू कर सफलता पूर्वक अपने कोर्ट में वापस आ जाने पर टच पॉइंट मिलता है। ये टच पॉइंट छुए गये डिफेंडर खिलाड़ियों की संख्या के बराबर होता है। छुये गये डिफेंडर खिलाडियों को कोर्ट से बहार कर दिया जाता है।
- Tackle Point : यदि एक या एक से अधिक डिफेंडर, रेडर को 30 सेकंड तक डिफेंड कोर्ट में ही रहने पर मजबूर कर देते हैं, तो डिफेंडिंग टीम को इसके बदले एक पॉइंट मिलता है।
- All Out : यदि किसी टीम के सभी खिलाडियों को उसकी विरोधी टीम पूरी तरह से आउट करके मैदान से बाहर करने में सफ़ल हो जाती है, तो इसके एवज में जीती हुई टीम को 2 अतिरिक्त बोनस पॉइंट मिल जाते है।
- Empty Raid : बौकल लाइन को पार करने के बाद यदि रेडर बिना किसी डिफेंडर को छुए या बिना बोनस लाइन को छुए वापस आ जाता है, तो इसे एम्प्टी रेड माना जाएगा। एम्प्टी रेड के दौरान किसी भी टीम को कोई पॉइंट नहीं मिलता।
- Do or Die Raid : यदि किसी टीम द्वारा लगातार दो एम्प्टी रेड हो जाता है तो तीसरे रेड को ‘डू ओर डाई’ रेड कहा जाता है। इस रेड के दौरान टीम को आवश्यक तौर पर या तो बोनस या टच पॉइंट अर्जित करना पड़ता है। ऐसा नहीं करने पर डिफेंडर टीम को एक अतिरिक्त पॉइंट मिलता है।
- Super Raid : जिस रेड में रेडर तीन या तीन से अधिक पॉइंट अर्जित करता है, उस रेड को सुपर रेड कहा जाता है। ये तीन पॉइंट बोनस और टच को मिला कर भी हो सकता है या सिर्फ टच पॉइंट भी हो सकता है।
- Super Tackle : यदि डिफेंडर टीम में खिलाड़ियों की संख्या तीन या तीन से कम हो जाती है, और वो टीम किसी रेडर को सँभालने और आउट करने में सफ़ल हो जाती है तो इसे सुपर टैकल कहते हैं। सुपर टैकल के लिए डिफेंडर टीम को एक अतिरिक्त पॉइंट भी मिलता है। इस पॉइंट का इस्तेमाल आउट हुए खिलाडी के पुनर्जीवन के लिए नहीं किया जा सकता है।
कबड्डी की प्रमुख प्रतियोगिताएं (Kabaddi Tournaments)
- एसियन गेम्स
- कबड्डी विश्वकप
- एशिया कबड्डी कप
- वीमेन’स कबड्डी
- प्रो कबड्डी लीग
- UK कबड्डी कप
- विश्व कबड्डी लीग
कबड्डी खेल पर निबंध (Essay On Kabaddi in Hindi)
दो टीम के मध्य खेले जाने वाला कबड्डी गेम प्राचीन खेलों में गिना जाता है। शारीरिक व्यायाम एवं स्फूर्ति की दृष्टि से यह अन्य सभी भारतीय आउटडोर गेम्स को मात दे देता है। कबड्डी का इतिहास काफी पुराना है, आज से सैकड़ों साल पूर्व इसका स्वरूप व खेलने का तरीका आज के खेल से पूर्ण भिन्न था। आज कबड्डी जिला स्तर से अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक खेला जाता है, दक्षिण भारत में इसे ‘काई- पीडी’ नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है पकड़े रहना। सभवत्या इससे ही कबड्डी शब्द की उत्पत्ति हुई है। देश के कई भागों में इसे भिन्न भिन्न नाम से जाना है, यथा-तमिलनाडु में कबड्डी को चादूकट्टू, बंगलादेश में हद्दू, मालद्वीप में भवतिक, पंजाब में कुड्डी, पूर्वी भारत में हू तू तू, आंध्र प्रदेश में चेडूगुडू बोला जाता है।
कबड्डी खेल का मैदान (Court) कैसा होता है?
कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसके लिए अलग- अलग तरह के मैदान तैयार किए जाते हैं पुरूषो के लिए अलग और महिला टीम के लिए अलग। साथ ही ये भी देखा जाता है कि जिस मैदान पर कबड्डी का खेल खेला जा रहा है उसकी जमीन समतल और नरम है या नहीं क्योंकि इसी से खेल का सही अनुमान लगाया जाता है। इसके लिए आकार का भी खास ध्यान रखना पड़ता है। एक आकार तैयार किया जाता है 12.50 मीटर लम्बा और 10 मीटर चौड़ा। वहीं दूसरा 50 किग्रा भार से कम वर्ग के पुरुषों एवं महिलाओं के लिए यह लम्बाई 11 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर होती है। पूरे खेल क्षेत्र को दो हिस्सों में बांटा जाता है। जिसको आम भाषा में सेंट्रल लाइन और खेल की भाषा में मध्य रेखा कहते हैं। इसमें खेल मैदान की लंबाई और चौड़ाई का भी खास ध्यान रखा जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी (International kabaddi)
कबड्डी के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के दलों में प्रत्येक दल में 7 खिलाड़ी होते हैं। खेल का मैदान दो दलों में बराबर भागों में बंटा होता है. पुरुषों द्वारा खेले जाने वाले कबड्डी में मैदान का क्षेत्रफल (10 बाई 13) का होता है, वहीँ स्त्रियों द्वारा खेले जाने वाले कबड्डी में मैदान का क्षेत्रफल (8 बाई 12) का होता है। दोनों दलों में तीन अतिरिक्त खिलाड़ी मौजूद होते हैं। ये खेल दो 20 मिनट के अंतराल पर खेला जाता है, जिसके बीच खिलाड़ियों को पांच मिनट का हाफ- टाइम मिलता है। इस हाफ टाइम के दौरान दोनों दल अपना कोर्ट बदल लेते हैं।
FAQ
1. कबड्डी के 10 नियम?
Answer : यह एक Highly Contact Sport है जिसमे किसी खिलाड़ी का मुख्य काम विरोधी खिलाड़ियों के दल में जाकर उन्हें छू कर अपने दल में आना होता है और इस दौरान उनको विरोधी दल में जाते समय कबड्डी कबड्डी कहना पड़ता है। प्रत्येक मैच 40 मिनट का होता है और इस दौरान खिलाड़ी विरोधी टीम के Court में ‘रेड’ करता है और रेड करने वाले खिलाड़ी को ‘रेडर’ कहते है। किसी खिलाड़ी द्वारा उसके विरोधी दल में घुसते ही रेड शुरू हो जाती है। रेडर को संभालने वाले विरोधी दल के खिलाड़ी को डिफेंडर कहते हैं। डिफेंडर के पास रेडर को आउट करने के मौके अवस्थानुसार मिलते हैं। किसी भी रेड का अधिकतम समय 30 सेकंड होता है। रेड के दौरान रेडर को कबड्डी कबड्डी का रट लगाना होता है, जिसे चैंट कहा जाता है।
रेडर द्वारा डिफेंडर के कोर्ट में एक बार प्रवेश कर जाने पर रेडर दो तरह से पॉइंट अर्जित कर सकता है। इसमें पहला बोनस पॉइंट और दूसरा टच पॉइंट होता है।
2. कबड्डी का जन्म कब हुआ?
Answer : कबड्डी खेल की उत्पत्ति प्राचीन भारत के तमिलनाडु में हुआ और आज के जमाने का खेल कबड्डी इसी का संशोधित रूप है। शुरुवात का इसका कोई प्रमाणित समय नही है।
4. सबसे पहले कबड्डी किसने खेली?
Answer : भारत
5. कबड्डी की शुरुआत कैसे हुई?
Answer : इस खेल की उत्पत्ति भारत के तमिलनाडु में हुआ था। इस खेल को अलग अलग जगहों पर अलग अलग नाम से जाना जाता है जैसे हुतुतु और चेदुगुडु आदि। कबड्डी खेल को विश्व स्तर पर प्रसिद्धि तब हासिल हुई जब सन 1936 में बर्लिन में ओलिंपिक खेल हुआ था। 1938 में आकर इसे कोलकाता में राष्टीय खेलो में सम्मिलित किया गया।
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